Monday 22 February 2016

सोच

अपने जवान बेटे को जब माँ ने कुछ समझाया
कुछ अपने जीवन का अनुभव बतलाया

वो बोला ये सब छोड़ो माँ
मुझे जीवन में आगे बढ़ने दो

 जीवन में क्या क्या करना है
मुझे खुद डीसाइड  करने  दो

माँ को ये सब समझ ना आया
उसने खुद को एक दोराहे पर पाया

वो समझ न सकी,
 क़ि  मै दुखी होऊ

 जब बेटे को अपने जीवन में  मेरी कोई जरूरत नहीं
तब मेरे जीने का  क्या अर्थ हुआ

या ये सोच कर खुश होऊं
क़ि बेटा मेरा  अपने निर्णय लेने में  समर्थ हुआ

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