Wednesday 13 July 2011

हादसे

कई लबों से निकली आहें ,
कई आँखों से आंसू बहे .
वो भी किसी माँ के थे बच्चे ,
जो इस हादसे का शिकार हुए .

Saturday 2 July 2011

कशिश

इतनी कशिश तेरे नाम में,
तुझको मिलने  को,जी करता  प्रभु 
सुना है मेरे बुलाने में देर है ,
तेरे आने में देर नहीं
अपनी एक झलक दिखा जा तू ,
मुझ प्यासे की, प्यास बुझा जा तू .
फिक्रमंद  हूँ कि तुझको देखे बिना 
इस दुनिया से ना उठ जाऊं कहीं ..........